गुजरात चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली 3550 वीवीपीएटी (वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों को चुनाव आयोग ने खराब पाया। सबसे ज्यादा खराब वीवीपीएटी मशीनें जामनगर, देवभूमि द्वारका और पाटन जिले में पाई गईं। आधिकारिक सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि गुजरात में कुल 70,182 वीवीपीएटी मशीनें इस्तेमाल की जानी हैं। गुजरात के मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी स्वाईं ने कहा कि खराब मशीनों को उनके कारखाने में वापस भेजा जाएगा। जिन मशीनों में मामूली तकनीकी खराबी है उन्हें दुरुस्त किया जा सकता है।
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद गुजरात बीजेपी को कई संकटों से जूझना पड़ा। मोदी की जगह राज्य की मुख्यमंत्री बनाई गईं आनंदीबेन पटेल की कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटाना पड़ा। उनकी जगह विजय रूपानी राज्य के सीएम बनाए गये। माना जाता है कि पटेल आरक्षण आंदोलन और उना में कुछ दलितों की पिटाई के वीडियो के वायरल होने के बाद हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शनों पर नियंत्रण न रख पाने की वजह से आनंदीबेन की कुर्सी गयी थी। विधान सभा चुनाव से ठीक पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, दलित आंदोलन के नेता जिग्नेश मेवानी और पिछड़ा वर्ग के नेता अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस के करीब आने से बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीरें आना स्वाभाविक हैं।
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