Saturday, February 17, 2018

आजाद भारत में सबसे बड़ा घोटाला मोदी के कार्यकाल में घोटालेबाज फरार

आजाद भारत में बैंकिंग के सबसे बड़े घोटाले की बात तो बतौर एफआईआर अब दर्ज है। याद करें पुराने घोटालों को। हर्षद मेहता का 700 सौ करोड़ रू, ललित मोदी का आईपीएल का 275 करोड़ रू और विजय माल्या का 6-7 हजार करोड़ रू के घोटाले के मुकाबले नीरव मोदी का घोटाला है कोई 11,360 करोड़ रू का। ताजा खबर है कि दूसरे बैंकों को भी नुकसान हुआ है यह घोटाला कोई 30 हजार करोड़ रू का बनेगा। सोचंे, ऐसा उस राज में हुआ है जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कसम खाई थी कि कि मैं न खाऊंगा और न खाने दूंगा। सो यदि खबर है कि नीरव मोदी हजारों करोड़ रू खा गया तो इसके लिए नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को जिम्मेवार माना जाए या नहीं? मोदी सरकार पर ठिकरा फूटे या नहीं? कांग्रेस और विपक्ष उस पर राजनीति करे या न करें? कांग्रेस ने मामले में ‘छोटा मोदी’ जुमला बोल ऐसा तड़का मारा है कि इस पर आम नागरिक के लिए, मेरे जैसे कलमघसीट के लिए यह तय करना आसान नहीं है कि मोदी-मोदी मौसेरे भाई की कांग्रेसी थीसिस में क्या सही माने और क्या गलत? हिसाब से कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे से निपटने में समर्थ है मगर हम-आप इसमें क्या सोचे, कैसे रोए? क्या नरेंद्र मोदी पर ठिकरा फोड़े या यह कह कर मामले को रफा-दफा करें कि बेचारे मोदी क्या करें। उन्होने तो नहीं खाया, नीरव मोदी खा कर भाग गया तो नरेंद्र मोदी अनिवार्यतः कार्रवाई करंेगे, भरोसा रखें। बावजूद इसके यह सवाल तो है कि उनके रहते वह खा कैसे गया? और भाग कैसे गया? 

भारत के सरकारी बैंक लूटने- लुटाने के लिए हंै। सिस्टम ऐसा बना है कि लूटना तब तक जारी रहेगा जब तक सिस्टम न बदले। तभी यह नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार की गलती है जो इन सरकारी बैंकों में वह और पैसा-पूंजी दे कर जनता के पैसे की बरबादी करवाएगी। कांग्रेस के ढर्रे को छोड़ कर इन बैंकों का विनिवेश होना चाहिए।

अब ये बातें विचार से निकली हुई है न कि सनसनी से जबकि आज चौतरफा सनसनी है कि नीरव मोदी क्या भारी फ्राड कर भागा। मुझे अपने आप पर शर्म आई कि मैं, दिल्ली की गपशप का जानकार पत्रकार भनक नहीं रख सका कि भारत राष्ट्र-राज्य में पिछले छह साल से पैसे, डायमंड, बॉलीवुड हिरोईनों के बिखरते ग्लैमर का इतना बड़ा खिलाड़ी सत्ता गलियारों में एक्टीव था और अपने को भनक नहीं। अंबानी, जिंदल, अदानी, टाटा से भी ज्यादा ग्लैमर वाला धन्ना सेठ नीरव मोदी है और वह चौड़े धाड़े डावोस में नरेंद्र मोदी के साथ फोटो शूट करा ले तो यह क्या मामूली बात। अब यह भी जाहिराना तथ्य है कि नीरव मोदी भी उस पैसे वाले उस गुजराती अरबपति जमात का सदस्य है जिसमें अंबानी, अदानी सब है। हां, नीरव मोदी का संबंध अंबानी परिवार से भी है। मुकेश और अनिल अंबानी की भांजी इशिता सलगांवकर की शादी नीरव मोदी के छोटे भाई नीशाल मोदी से हुई है। मुझे परसों तक नीरव मोदी की मालदार माया की भनक नहीं थी। नीरव मोदी हीरे-जेवहरात से बडे लोगों में खिलाड़ी था तो उसकी तरफ से ब्रांड एंबेसडर में प्रियंका चोपड़ा, शिल्पा शेट्टी, जेक्वलीन फर्नाडिज आदि भी खूब ग्लैमर बिखरे हुए थी।

इतना कुछ है तो इस सब पर कैसे रोया जाए? संदेह नहीं आज राहुल गांधी, कांग्रेस, आप, ममता बनर्जी सबका तल्खी के साथ बोलना शुरू हो गया है। राहुल गांधी ने सबसे पहले टिवट कर कहा- भारत को लूटने की नीरव मोदी गाईड- 1 प्रधानमंत्री मोदी के सीने लगो। 2- उनके साथ डावोस में दिखों और उससे धमक बना – 12 हजार करोड़ रू चुराओ। देश छोड़ भागों माल्या की तरह, सरकार देखती रहे एक मोदी से दूसरे मोदी की तरफ!

पहले राहुल गांधी का टिवट और फिर कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला की दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस। प्रेस कांफ्रेस की बातें और चौंकाने वाली। जैसे यह कि एक व्हिसलब्लोअर हरी प्रसाद ने ठेठ जुलाई 2016 की शुरुआत में प्रधानमंत्री को पत्र लिख इस बैंक लूट घोटाले की शिकायत की थी। इसका पूरा ब्यौरा देते हुए सुरजेवाला ने पूछा – पर प्रधानमंत्री ने क्या किया? कुछ नहीं। वित्त मंत्रालय ने क्या किया? कुछ नहीं। वाणिज्य मंत्रालय ने क्या किया? कुछ नहीं। वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने क्या किया? कुछ नहीं। आप सत्ता में हैं और आपकी नाक के नीचे धोखाधड़ी हो रही है। आप क्या कर रहे थे और आरोपी को कैसे बच निकलने दिया? जबकि शिकायत में नीरव मोदी- मेहुल चौकसी की फर्मों के खिलाफ 42 एफआईआर दर्ज होने की बात भी थी।
यही नहीं अपनी प्रेस कांफ्रेस में सुरजेवाला ने डावोस में प्रधानमंत्री के साथ नीरव मोदी के फोटो को बतलाते हुए कहां ‘छोटा मोदी’ (नीरव मोदी) अपने खिलाफ शिकायत के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौर पर यात्रा कर रहा था।

सरकार ने तुरंत जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेस कर कांग्रेस को बुरी तरह हड़काते हुए कहा ‘छोटा मोदी’ का जुमला किस मंतव्य से है? और नीरव मोदी डावोस में प्रधानमंत्री के प्रतिनिधीमंडल का हिस्सा नहीं था बल्कि सीआईआई की तरफ से था। मामले में सफाई के मकसद से पीएनबी की तरफ से भी एक प्रेस कांफ्रेस हुई और उसमें कांग्रेस में यह कहते हुए शक की सुई घूमी की यह मामला तो 2011 से चल रहा है!
तब तो और चौंकाने वाली बात। तब क्य और यह प्रमाणित नहीं कि नीरव मोदी हर मायने में हर्षद मेहता, विजय माल्या, ललित मोदी का बॉप साबित है। उसके घोटाले में अकेले पंजाब नेशनल बैंक को ही नहीं बल्कि दस-बारह बैंकों को चूना लगेगा और घोटाला तीस हजार करोड रू के आसपास पहुंच सकता है।
मामले में चौंकाने वाले कई मोड़ है। जैसे बताया जा रहा है कि नीरव मोदी की फ्राड शिकायत 280 करोड रू की थी वह बढ़ते-बढ़ते 11 हजार करोड रू से पार कैसे है? इससे भी बड़ी हैरानी की बात कि घोटाला लीक होता, बैंक में कार्रवाई का विचार बनने के साथ ही नीरव मोदी और उनका पूरा परिवार भारत छोड कैसे भाग गया? घटनाक्रम अनुसार 1 जनवरी 2018 को नीरव मोदी और बेल्जियम नागरिकता लिए उसके भाई निशाल मोदी ने भारत छोड़ा। छह जनवरी को उसकी अमेरिकी पासपोर्ट धारक पत्नी ने और 4 जनवरी को मेहुल चौकसी भारत से भागा। इसके बाद की एक अंहम तारीख 23 जनवरी को डावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रुप फोटो में नीरव मोदी का फोटो खींचवाने का है।
अगली अहम तारीख 29 जनवरी की है जब बैंक ने सीबीआई को घोटाले की रिपोर्ट दी। दो दिन बाद 31 जनवरी को सीबीआई ने केस दर्ज किया और तब इन मोदियों के खिलाफ इंटरपोल से लुकआउट नोटिस जारी कराया गया। बावजूद इसके बैंक घोटाले की खबर, भनक तब लगी जब 14 फरवरी को बैंक ने शेयर बाजार को सूचना दी कि उसकी मुंबई ब्रांच में एक बड़ा बैंकिग घोटाला हुआ है।
हिसाब से सोचे तो 31 जनवरी से ले कर बैंक के शेयर बाजार को सूचना देने तक भी सीबीआई या ईडी हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही। जब पूरा स्कैंडल खुला तब यह खबर है कि आज ईडी ने छापे मारे है और कार्रवाई शुरू है। मतलब नीरव मोदी के भागने के एक महिने पंद्रह दिन बाद छापेमारी।

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