Monday, July 31, 2017

मेरा देश बदल रहा है,पहले वोटर खरीदे जाते थे अब सीधे एमपी, एमएलए और सीएम तक खरीदे जा रहे हैं : सोशल मीडिया

बिहार के सियासी आयाम अब बदल चुके हैं। लालू और महागठबंधन का साथ छोड़ नीतीश कुमार का भाजपा के साथ जाना सोशल मीडिया पर लोगों को रास नहीं आ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग जमकर नीतीश कुमार पर कटाक्ष कर रहे हैं।
लोगों का प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
दरअसल नीतीश कुमार ने नए मंत्रिमंडल के शपथग्रहण समारोह की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जिसपर लोगों ने अपने ही अंदाज़ में नीतीश की खिचाई की। किसी ने उन्हें धोखेबाज बताया तो कोई उन्हें गिरगिट का नेता बता रहा है।
तस्वीरें साझा करते हुए नीतीश ने लिखा, शपथग्रहण समारोह में सम्मिलित होते हुए। फिर क्या था, लोगों ने उनकी पोस्ट पर चुटकी लेनी शुरू कर दी।
नीतीश कुमार की राजनीति में आये बदलाव पर मनोज कुमार ने लिखा `सर सुना है आपके रंग बदलने की कला देखते हुए गिरगिटों ने भी आपको अपना नेता चुन लिया है`।
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर अमित लिखते हैं, मेरा देश बदल रहा है,पहले वोटर खरीदे जाते थे अब सीधे एमपी, एमएलए और सीएम तक खरीदे जा रहे हैं।
बालेन्द्र कुमार ने  नीतीश से सवाल करते हुए लिखा,  गुस्सा मत कीजियेगा। गुस्ताखी माफ करना सर जी, आप ये बताएं कि आपके मंत्री मंडल में कितने मंत्री जी पर एफ आई आर दर्ज है या सभी दूध के धुले हैं।
अनाम कुमार सुल्तान ने नीतीश को नया नाम देते हुए लिखा, इस पोस्ट पर कमेंट पढ़ कर लग रहा है कुर्सी कुमार की लोकप्रियता में कितनी बढ़ोतरी हुई है।
नीतीश को उनके पुराने बयांन याद दिलाते हुए निशिकांत कुशवाहा ने लिखा, आप तो संघ मुक्त भारत बनाने वाले थे। अब संघ मुक्त भारत कैसे बनेगा? आपने जनता का विश्वास तोड़ा है। इसी को थूक कर चाटना बोलते हैं।
वहीं अशफाक हुसैन ने केजरीवाल से सीख लेने की सलाह देते हुए लिखा, वतन की फिक्र कर नादां, मुसीबत आने वाली है। तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं.. आसमानों में..!!!
केजरीवाल की तरह हिम्मत दिखाते.. जनता को अपना फैसला देने का मौका देते..!!
जनमत का अपमान है यह दोगलापन.!! जय हिन्द..।
सोशल मीडिया पर नेता अक्सर अपनी तस्वीरें और विचार व्यक्त करते रहते हैं। जिसपर कभी उनकी तारीफ होती है तो कभी आम जनता विरोध भी करती नज़र आती है।
आपको बता दें कि, बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए गठबंधन तोड़ दिया और भाजपा के साथ नई सरकार बना ली है।

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