Monday, May 15, 2017

आज दफ्तर खुलते ही साइबर अटैक का खतरा: बैंकिंग, स्टॉक मार्केट टारगेट पर ..

कम्प्यूटर लॉक कर फिरौती मांगने वाला रैन्समवेयर'वानाक्राई'दुनिया के 150 देशों में पहुंच चुका है। यूरोपियन यूनियन की पुलिस यूरोपोल के मुताबिक 2.27 लाख से ज्यादा कम्प्यूटर्स लॉक हो चुके हैं। एक्सपर्ट्स अभी पहले वर्जन का भी तोड़ नहीं ढूंढ पाए हैं। सोमवार को दूसरे हमले का खतरा है। भारत में साइबर सुरक्षा एजेंसियों के लिए सोमवार अहम है। आज दफ्तर खुलते ही डिफेंस,बिजली,टेलीकॉम,एयरपोर्ट,बैंकिंग,स्टॉक मार्केट,स्कूल सहित बुनियादी सुविधाओं से जुड़े इंस्टीट्यूट्स पर अटैक का खतरा है। रेड कलर्ड यानी सबसे गंभीर अलर्ट जारी...
-न्यूज एजेंसी के मुताबिक साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने रेड कलर्ड यानी सबसे गंभीर अलर्ट जारी किया है। एक भी कम्प्यूटर पर वायरस अटैक हुआ तो पूरा लोकल एरिया नेटवर्क उसके कब्जे में आ जाएगा।
-ब्रिटेन के सिक्यूरिटी रिसर्चर'मैलवेयर टेक'ने कहा है कि सोमवार को दूसरा हमला हो सकता है। उन्होंने कहा,"सोमवार तक कोई दूसरा वर्जन आ सकता है,जिसे हम नहीं रोक पाएंगे।"मैलवेयर टेक ने ही पहले हमले की स्पीड कम करने में मदद की थी। वहीं,महाराष्ट्र में पुलिस विभाग के साथ-साथ दूसरे इंस्टीट्यूट्स के कुछ कम्प्यूटरों में भी रैन्समवेयर अटैक की सूचना है।
70%एटीएम में XP,सबसे आसान टारगेट
-विंडोज एक्सपी रैन्समवेयर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारत में 70%एटीएम में यही है। हालांकि,अटैक के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने एक्सपी की सुरक्षा के पैच भी जारी किए हैं।
-यूरोपोल के मुताबिक भले ही दुनियाभर के दो लाख कम्प्यूटर लॉक्ड हैं,लेकिन अभी फिरौती देने वालों की संख्या बहुत कम है। सीईआरटी-इन ने भी लोगों से फिरौती नहीं देने को कहा है।
आरबीआई और एनीपीसीआई अलर्ट
-इंडियन गवर्नमेंट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई),स्टॉक मार्केट और एनपीसीआई को अलर्ट कर दिया है। सरकार की साइबर सिक्युरिटी आर्म ने इस संबंध में इन एजेंसियों को‘डूज एंड डोंट्स’जारी किए हैं और डाटा लीक जैसी कोई घटना रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने की हिदायत दी है।
-ऑफिशियल सोर्सेस के मुताबिक,"गवर्नमेंट ने हालात से निपटने के इंतजाम किए हैं। इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम(सीईआरटी-इन)के सामने साइबर अटैक की कोई बड़ा मामला नहीं आया है।"
दफ्तर पहुंचकर पहला काम यह करें
-चेक करें कि कम्प्यूटर में एंटी वायरस और विंडोज के पैच अपडेट हों। ई-मेल में संदिग्ध लिंक दिखे तो क्लिक न करें। न ही ऐसी अटैचमेंट खोलें या डाउनलोड करें। पैन ड्राइव स्कैन करके ही यूज करें।
वायरस अटैक हो गया है तो यह करें
-अगर वायरस रन होना शुरू हो जाए तो सबसे पहले नेटवर्क केबल हटा दें,ताकि ऑफिस के दूसरे कम्प्यूटर संक्रमित न हों। कम्प्यूटर को तुरंत शट डाउन करें।
ऐसे रहें अलर्ट...
संदिग्ध या फिशिंग ईमेल न खोलें
-अजनबियों से मिले ई-मेल न खोलें। जंक ई-मेल बिना खोले डिलीट कर दें। कम्प्रैस्ड या एमएस वर्ड फाइल सावधानी से खोलें। संदिग्ध फाइल न ही खोलें। ऐसी वेबसाइटों से भी बचें।
बैकअप लेते रहें
-रेगुलर डेटा बैकअप ले रहे हैं तो रैन्समवेयर से प्रभावित फाइल भी रिकवर कर सकते हैं।
लॉक होने पर भी फिरौती न दें
-अगर कम्प्यूटर लॉक हो गया है तो भी हैकर को फिरौती न दें। कोई गारंटी नहीं कि रैन्समवेयर भेजने वाला आपको एन्क्रिप्शन खत्म करने के लिए की भेज देगा। हां,अपराधी यह जरूर समझ जाएंगे कि आप आसान शिकार हैं। वे फ्यूचर में भी आपसे वसूली की कोशिश कर सकते हैं।
फाइल नेम एक्सटेंशन न छिपाएं
-रैन्समवेयर वायरस अक्सर फाइल की एक्सटेंशन बदल देते हैं। यह हमें अपने सिस्टम में नहीं दिखाई देते। फाइल नेम एक्सटेंशन ऑप्शन शो करके रखें तो आसानी से संदिग्ध फाइलों को पहचान सकते हैं।
साइबर हमले का ये हुआ असर
-12 अप्रैल को किए गए हमले में सैकड़ों देशों के कम्प्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया। यह खास तरह का रैन्समवेयर साइबर अटैक है,जिसने बिटकॉइन में फिरौती की मांग की है। इसके चलते ब्रिटेन समेत कई देशों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गईं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक,यह हमला दुनिया भर के इम्पॉर्टेंट ऑर्गनाइजेशंस पर हुआ।
-यूरोपोल की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अटैक का असर 150 देशों तक पहुंच गया है और इसने करीब 2 लाख कम्प्यूटर्स पर असर किया है।
ये देश भी अटैक की चपेट में,सबसे ज्यादा रूस प्रभावित
-रिपोर्ट के मुताबिक जिन अन्य देशों में यह खास साइबर हमला हुआ उसमें ब्रिटेन के अलावा अमेरिका,चीन,रूस,स्पेन,इटली,वियतनाम और कई अन्य देश भी शामिल हैं। इन सभी देशो में रैन्समवेयर ने एक साथ हमला किया। न्यूज एजेंसियों के मुताबिक इस अटैक की चपेट में सबसे ज्यादा रूस के कम्प्यूटर आए हैं।
-रूस की होम मिनिस्ट्री ने भी इस हमले को कन्फर्म किया है। ब्रिटेन के अलावा स्पेन में काम करने वाली बुहत सी कंपनियां इस साइबर अटैक की चपेट में आई हैं।