Tuesday, May 30, 2017

एटीएम पर रेंसमेवयर वायरस का हमले का डर, बढ़ गया नगदी संकट और मोबाइल रैनसमवेयर हमले तीन गुणा बढ़े

रेंसमेवयर वायरस का अटैक बैंकों और एटीएम पर दिखाई दिया

रेंसमेवयर वायरस का अटैक आगरा में हुआ, इसके बाद बैंकों ने सैकड़ों एटीएम बंद किए गए।
बैंकों ने नेटबैकिंग और कार्ड से ट्रांजेक्शन करने से बचने के लिए आगाह किया गया है।
ऐसे ईमेल, जिनके बारे में जानकारी नहीं हैं, उन्हें क्लिक न करने के लिए कहा गया है। बैकिंग सेक्टर के साथ ही अन्य संस्थान भी सतर्क हो गए हैं।
आगरा में रेंसमवेयर वायरस के डर से एटीएम बंद कर दिए गए हैं। बैंकों ने सर्वर से ही एटीएम की कनेक्टिविटी बंद कर दी। स्टेट बैंक समेत कुछ बैंको ने अपने नए सिक्योरिटी फीचर वाले एटीएम चालू रखे।

कई बैंकों ने एटीएम बंद रखे

मंगलवार को एहतियात के तौर पर कई बैंकों ने एटीएम बंद रखे। सीबीएस से जुड़े होने के कारण जिले में 486 बैंक शाखाओं के कंप्यूटर सिस्टम में रविवार को एंटी वायरस अपडेट किया गया था।

लीड बैंक मैनेजर पंकज सक्सेना ने बताया कि रेंसमवेयर वायरस के डर से एटीएम बंद हैं। बैकिंग नेटवर्क हालांकि पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन शाखाओं और एटीएम को सावधानी बरतते हुए एंटी वायरस से अपडेट किया जा रहा है। ग्राहकों को कुछ परेशानी हुई है, पर इस खतरे से भी निपटना है।

इसलिए बंद हुए एटीएम

विंडोज एक्सपी प्लेटफार्म पर चल रहे एटीएम को बंद करने के कारण खाताधारक परेशान रहे। नगदी के संकट के कारण खाताधारक कई जगह एटीएम तलाशते रहे, लेकिन हर एटीएम बंद ही मिला।

मोबाइल रैनसमवेयर हमले तीन गुणा बढ़े

दुनिया भर में रैनसमवेयर के हमलों में कमी का कोई संकेत देखने को नहीं मिल रहा है। साल की पहली तिमाही में मोबाइल रैनसमवेयर के हमलों में तीन गुणा की बढ़ोतरी देखी गई है।
साइबर सुरक्षा कंपनी कास्परस्की लैब ने यह जानकारी दी। मॉस्को की कंपनी कास्परस्की लैब के मुताबिक पहली तिमाही के दौरान कुल 2,18,624 मोबाइल रैनसमवेयर फाइलों की पहचान की गई, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह संख्या 61,832 थी।
कास्परस्की लैब के वरिष्ठ मालवेयर विश्लेष्क रोमान उनुचेक ने बताया, पहली तिमाही में मोबाइल डिवाइसों को निशाना बनाने वाले रैनसमवेयर में तेजी आई है, जिनमें नए रैनसमवेयर और बदलाव के साथ आने वाले रैनसमवेयर शामिल हैं। लोगों को यह समझना होगा कि ये हमलावर न सिर्फ पीसी पर उनकी आकंड़ों तक पहुंच को रोक सकते हैं, बल्कि उनके मोबाइल फोन को भी हैक कर सकते हैं।
ट्रोजन-रैंसम डॉट एंड्रायडओएस डॉट एफयूएसओबी डॉट एच अब तक का सबसे अधिक प्रसारित रैनसमवेयर है जिसने सभी उपयोगकर्ताओं के लगभग 45 फीसदी को निशाना बनाया है।
कंपनी ने बताया, एक बार जब यह मोबाइल फोन में घुस जाता है। तो यह व्यवस्थापक विशेषाधिकार का अनुरोध करता है। उसके बाद यह डिवाइस के बारे में जानकारी लेना शुरू कर देता है, जिसमें जीपीएस कोरडिनेट्स से लेकर कॉल हिस्ट्री तक और मोबाइल में जमा सारे आंकड़े तक शामिल होते हैं। यह उन जानकारियों को अपने सर्वर तक भेजता है और मोबाइल को ब्लॉक कर देता है।

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