Sunday, May 14, 2017

इंदिरा गांधी अब तक की सबसे स्वीकार्य प्रधानमंत्री

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इंदिरा गांधी को लोकतांत्रिक देश की अब तक की सबसे स्वीकार्य प्रधानमंत्री बताया है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इंदिरा गांधी 20वीं सदी की महत्वपूर्ण हस्ती थीं। राष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी की निर्णायक क्षमता को याद करते हुए कहा कि भारत के लोगों के लिए अभी भी वह सर्वाधिक स्वीकार्य शासक या प्रधानमंत्री हैं।’
इंदिरा ने कहा हार से मत हो हतोत्साहित
मुखर्जी ने अतीत को याद करते हुए कहा, ‘1977 में कांग्रेस हार गयी थी। मैं उस समय कनिष्ठ मंत्री था। उन्होंने मुझसे कहा था कि प्रणब, हार से हतोत्साहित मत हो। यह काम करने का वक्त है और उन्होंने काम किया।’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मंच पर मौजूद थे। मुखर्जी ने इस अवसर पर इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन और कार्यों पर एक पुस्तक का विमोचन किया।
इंडियाज इंदिरा- ए सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ का विमोचन
उन्होंने अंसारी द्वारा विमोचित ‘इंडियाज इंदिरा - ए सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ की पहली प्रति ग्रहण की। कांग्रेस इंदिरा गांधी की शताब्दी जयंती मना रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा द्वारा संपादित इस पुस्तक में इंदिरा गांधी के कार्यों और उनके जीवन की घटनाओं का संकलन है तथा इसकी प्रस्तावना सोनिया गांधी ने लिखी है जो खराब स्वास्थ्य के कारण इस कार्यक्रम में शमिल नहीं हो सकीं।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि इंदिरा गांधी को दो जनवरी 1978 को पार्टी अध्यक्ष चुना गया और 20 जनवरी तक कुछ दिनों के अंदर उन्होंने कार्य समिति के गठन को पूरा कर लिया, संसदीय बोर्ड, पीसीसी और एआईसीसी का गठन किया और पार्टी को महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, असम और नेफा विधानसभा चुनावों का सामना करने के लिए तैयार किया।
उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद उनके नेतृत्व में पार्टी ने आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज की और महाराष्ट्र में अपनी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बनाया जहां पार्टी ने कांग्रेस से अलग हो चुके धड़े के साथ मिलकर सरकार बनाई। राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीति के अपने सबसे खराब वक्त में इंदिराजी अपने आप को ज्यादा कामों में लगाए रखतीं थीं।

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