Tuesday, August 15, 2017

इस कारण 2019 में पीएम मोदी से छिन सकती है दिल्ली की राजगद्दी?...

नई दिल्ली।     वैसे तो आज की तारीख में भारतीय राजनीति में पीएम मोदी को चुनौती देने वाला कोई राजनेता दिखाई नहीं दे रहा है। यहीं नहीं कई सर्वे टीमें भी इस बात का दावा कर रही है कि पीएम मोदी ही 2019 में दोबारा सरकार बनाएंगे।

पीएम मोदी एक पॉपुलर नेता हैं, उन्हें जनता का विश्वास हासिल है। नोटबंदी के माध्यम से देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का जनता में विश्वास और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सा​हसिक कदम से भारतवासियों का सिर गर्व उंचा करने वाला पीएम नि:संदेह इस समय अपराजेय दिखाई दे रहा है।
लेकिन मोदी सरकार का आधे से अधिक कार्यकाल बीत जाने के बावजूद कुछ ऐसे कारण बनते दिखाई दे रहे हैं जो पीएम मोदी को दिल्ली के सिंहासन से दूर कर सकते हैं।

Arvind-Subramanian

आपको जानकारी के लिए बतादें कि पीएम मोदी के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने दावा किया है कि कुछ ऐसे कारण हैं जिससे 2019 में मोदी सरकार से दिल्ली की राजगद्दी छिन सकती है। सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में रोजगार में प्रबल अभाव को मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना है।

गौरतलब है कि आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 को लेकर रोजगार एवं बेरोजगारी अभाव को लेकर पिछले लंबे समय से बहस चल रही है। बेरोजगारी की समस्या को लेकर मोदी सरकार को सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जो भी आर्थिक सर्वे सामने आए हैं उसमें पीएम मोदी के कार्यकाल में रोजगार की स्थिति कुछ भी ठीक नहीं है।

Unemployed crowd

सर्वे में ये बात भी प्रमाणित हुई है कि युवाओं के हिसाब से बाजार में उपलब्ध नौकरी के बीच खाई काफी बढ़ गई है। हांलाकि इसके पीछे देश की बढ़ती जनसंख्या भी उत्तरदायी है। रोजगार आंकड़ों की सटीक जानकारी के अभाव में पीएम मोदी सरकार अबतक कोई भी ठोस और साकारात्मक कदम नहीं उठा पाई है।

आज जिस तरीके से देश के युवा बेराजगारी की विकट समस्या का सामना कर रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी का एक बड़ा वोट बैंक उनके हाथों से फिसल सकता है। आपको याद दिलादें कि पीएम मोदी ने अपने चुनावी वादे में युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देने का वादा किया था।

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