Saturday, August 26, 2017

पिताजी की माफी: बिस्तर पर बुलाने के लिए ये कोड वर्ड यूज़ करता था राम रहीम..

नई दिल्ली। आख़िर क्या वजह है कि बलात्कार जैसे गंभीर अपराध में अदालत द्वारा दोषी करार देने के बाद भी समर्थक यह मानने को तैयार नहीं होते कि उनके गुरु ने कुछ ग़लत किया है?
पहली बात तो यह है कि लोगों की जो उम्मीदें समाज में पूरी नहीं होतीं, वे डेरे में पूरी हो रही होती हैं. उनके मन में बात आती है कि यह तो बहुत अच्छी व्यवस्था है. दूसरी बात यह कि डेरे के संचालक या प्रमुख को वे सुपरमैन या सुपर ह्यूमन बीइंग मानते हैं. उन्हें लगता है कि वे तो गलती कर ही नहीं सकते.
  धर्म के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाला डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम के कुकर्मों का काला चिट्ठा अब धीरे-धीरे लोगों के सामने आने लगा है। तकरीबन 10 साल पहले रेप होने के बाद आखिरकार रेप पीड़िता महिलाओं ने अपने उपर आपबीती लोगों को बताई है। कोर्ट के सामने दोनों साध्वी सिलसिलेवार तरीके से पूरे घटनाक्रम की जानकारी कोर्ट के सामने रखी। जिस तरह से पीड़ित महिलाओं ने आपबीती बताई है उसके बाद बाबा राम रहीम की घिनौनी मानसिकता और आपराधिक प्रवृत्ति खुलकर लोगों के सामने आ गई है।
महिलाओं ने कोर्ट के सामने बाबा राम रहीम की गुफा की खौफनाक, वहसी और दरिंदगी की कहानी बताते हुए कहा कि गुफा में पॉवरफुल बाबा महिलाओं का रेप करता था, यह एक ऐसी गुफा है जिसमें बाबा रहता था, इसे खास तरीके से बनाया गया है। पीड़िताओं ने जो आपबीती बताई उसमें उन्होंने कहा कि रेप के दौरान बाबा खुद को भगवान बताया करता था।
भगवान के नाम का किस तरह से राम रहीम मखौल उड़ाता था और अपनी हवस को पूरी करने का जरिया बनाता था यह पीड़िताओं के बयान से साफ होता है कि बाबा के रोम-रोम में हवस बसता था। पीड़िता महिला ने बताया कि बाबा अपने सेवकों से माफी कोड वर्ड का इस्तेमाल करता था, जिसका मतलब रेप होता था। बाबा की गुफा की सुरक्षा में सिर्फ महिला गार्ड को ही तैनात किया जाता था।
वहीं कुछ अन्य महिलाएं जो किसी तरह से सुरक्षित बाबा के चंगुल से बाहर आई उनका कहना हैं कि लड़कियां अपनी मर्जी से डेरा के भीतर रहती हैं, क्योंकि वह बाबा से काफी प्रभावित हैं, जिस तरह का बाबा का धार्मिक कद है वह उन्हें अपनी ओर आकर्षित करता है, इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि उनके परिवार के सदस्य भी बाबा के जबरदस्त समर्थक हैं।
हरियाणा के यमुनागर की एक और महिला जोकि सुरक्षित बाबा के चंगुल से बची महिला ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज एके वर्मा के सामने 28 फरवरी 2009 को बताया था कि उसने 1999 में बाबा के यहां गई, वह अपने भाई की वजह से बाबा के पास गई थी, लेकिन बाद में मेरे भाई ने जब मेरे लिए इंसाफ की बात की तो उसकी हत्या कर दी गई।
साध्वी ने कोर्ट में बताया कि शुरुआत में उसे समझ नहीं आता था जब राम रहीम की शिष्य महिलाएं उससे पूछती थीं कि क्या तुम्हे पिताजी से माफी मिल गई है। लेकिन पीड़िता को यह बात तब साफ हो गई थी जब रामरहीम ने उसे 28/29 अगस्त 1999 को अपनी गुफा के अंदर बुलाया और उसके साथ रेप किया।
9 सितंबर 2010 को एक और साध्वी ने बताया कि वह 1998 में डेरा गई और उसे बाबा राम रहीम ने उसे नजम नाम दिया। महिला सिरसा की ही रहने वाली है, वह अपने माता-पिता की वजह से बाबा की भक्त हुई और बाद में वह डेरा में ही पढ़ाने लगी। सितंबर 1999 में जब महिला गुफा की सुरक्षा कर रही थी तो बाबा ने उसे गुफा के अंदर बुलाया गया और उसके साथ रेप किया, यही नहीं उसने उसे धमकी दी की वह गुफा के अंदर हो रहे अपराध के बारे में किसी को कुछ नहीं बताएगी।

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